*शीर्षक-समाज़ के प्रति सकारात्मक पहल उत्तर प्रदेश*
*पुलिस जनपद बहराइच की ओर से* ,, कभी हवा बनकर तो कभी फिज़ा बनकर ,,हर जगह मिलेंगे तुमसे आसमा बनकर,, यक़ीं रखना मुझपर कभी,, वक़्त बेवक्त मिलेंगे हम हर दर्द की इक दवा बनकर,,हवा की एक झरोखा हूँ,,कभी ना देता धोखा हूँ,, मस्त मौला हूँ चलता रहता , जैसे चलता एक नौका हूँ,, हार जीत की प्रश्न नहीं कभी तन मन मे,,मिलता जीवन मे ऐसा मौका हूं,, कभी छाँव बगिया की जैसे,, कभी ग़मों को हरपल रोका हूं,, संग- संग चलूँ खुला आसमा बनकर,, ऐसा हवा की एक झोंका हूं,,तो याद रखना मुझे उस पल दोस्त तुम,, जब मझधार में तुम्हारी नौका हो,,कोशिश मुमकिन मुझसे होगा,,गम तेरे पास कम ही होगा ,, प्रयास हमारा हर मंजिल के लिए ,, जैसे सीमा रेखा पार होता गेंद चौका,, यक़ीं रखना मुझपर कभी,,दोस्ती का एक सुनहरा मौका हूँ,,
*लेखक-अनिल कुमार ,उत्तर प्रदेश पुलिस* (जनपद-बहराइच )
खास रिपोर्ट जितेंद्र तिवारी
संपादक क्राइम खुलासान्यूज़
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