*बड़ा फर्जीवाड़ा, कागजों में काम दिखाकर प्रधान ने हड़पे लाखों रूप
हरदोई के विकासखंड कछौना की एक ग्राम पंचायत में विकास कार्यों के नाम पर ग्राम प्रधान द्वारा बड़ा फर्जीवाड़ा करने का मामला प्रकाश में आया है। धरातल पर काम हुआ ही नहीं और कागजों में लाखों का खर्च दिखाकर बंदरबांट किया गया है। ग्राम पंचायत निवासी शिकायतकर्ता ने इस फर्जीवाड़े के पूरे मामले की शिकायत खंड विकास अधिकारी व जिला विकास अधिकारी सहित जिलाधिकारी से की है। जिलाधकारी के आदेश पर विभागीय अधिकारियों द्वारा मामले की जांच शुरू की गई है।

ग्राम पंचायत पतसेनी देहात निवासी शिकायतकर्ता अशोक कुमार पुत्र खगेश्वर ने शपथ पत्र के साथ खंड विकास अधिकारी व जिला विकास अधिकारी सहित डीएम को दिए गए शिकायती पत्र में बताया है कि ब्लॉक कछौना की ग्राम पंचायत पतसेनी देहात में हैंडपंप रिबोर एवं मरम्मत के नाम पर 17 लाख का गबन ग्राम प्रधान मुख्तार द्वारा किया है। शिकायतकर्ता के अनुसार ग्रामसभा में उक्त निधि के सापेक्ष धरातल पर कोई भी कार्य नहीं हुआ है। ग्राम सभा में ना तो कोई भी हैंडपंप लगवाया गया है और ना ही कोई रिबोर कराया गया है। विभागीय अधिकारियों कर्मचारियों की मिलीभगत से कागजों पर फर्जी काम दर्शाकर ग्राम प्रधान मुख्तार द्वारा 17 लाख की ग्राम पंचायत निधि का गबन कर अपने निजी कार्य में उपयोग किया गया है।

शिकायतकर्ता अशोक कुमार द्वारा शिकायती पत्र के साथ संलग्न विभिन्न बिल वाउचरों की प्रतियों से एक और बात खुलकर सामने आई है कि उक्त फर्जी तरीके से गबन की गई राशि को ग्राम प्रधान मुख्तार के भाई मोहम्मद नसीम जो कि स्वयं कछौना देहात ग्रामसभा का प्रधान है की फर्जी रूप से बनाई गई फर्म में भुगतान किया गया है।

शिकायतकर्ता ने बताया कि जनता और प्रशासन की आंखों में धूल झोंक कर हुए इस भ्रष्टाचार के पूरे मामले की लिखित शिकायत दिनांक 27 अप्रैल को खंड विकास अधिकारी प्रमोद अग्रवाल एवं दिनांक 29 अप्रैल को जिला विकास अधिकारी से की थी। लेकिन ग्राम प्रधान को राजनैतिक संरक्षण प्राप्त होने की वजह से उक्त भ्रष्टाचार के मजबूत साक्ष्यों की मौजूदगी के बावजूद विभागीय अधिकारियों द्वारा जांच व कार्रवाई के लिए कोई भी कदम नहीं उठाए गए। जिसके बाद जिलाधिकारी से शिकायत की है। शिकायतकर्ता अशोक कुमार ने ग्राम प्रधान मुख्तार व उसके प्रधान भाई नसीम दोनों को दबंग बताते हुए आशंका जताई है कि उस पर जान माल का खतरा बना हुआ है। शिकायतकर्ता ने बताया कि यदि उसके साथ कोई अप्रिय घटना घटित होती है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी प्रधान और उसके भाई की होगी।

जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच के आदेश विभागीय अधिकारियों को दिए हैं। मामले पर जांच शुरू होते ही ग्राम प्रधान सकते में है और बचाव के लिए उसने कागजों पर पहले ही दर्शाए गए कार्यों को कराना आरंभ कर दिया है। फिलहाल ग्राम प्रधान द्वारा ग्राम पंचायत निधि के गबन का यह मामला क्षेत्र में चर्चा का केंद्र बिंदु बना हुआ है। लोग भ्रष्टाचार मुक्त के दावे करने वाली भाजपा सरकार में इतने बड़े फर्जीवाड़े के होने से सरकार की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े करने लगे हैं।
Ripoter Shivam Kumar Asthana 
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