स्कूल रेडनेस प्रशिक्षण कार्यक्रम: विद्यालयों में शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर परिणाम लाने हेतु शिक्षकों को किया जा रहा है प्रशिक्षित

* ब्लॉक संसाधन केन्द्र मड़ावरा में शिक्षकों को दिया जा रहा है प्रशिक्षण

मड़ावरा-ललितपुर।
स्कूल रेडनेस प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत विद्यालयों में शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर परिणाम लाने हेतु शिक्षकों को प्रशिक्षित करने हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन ब्लॉक संसाधन केन्द्र मड़ावरा में खण्ड शिक्षा अधिकारी मड़ावरा रामगोपाल वर्मा की अध्यक्षता में किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती मां की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीपप्रज्वलन के साथ किया गया। इसके बाद सरस्वती बन्दना शिक्षिका मौसम जैन द्वारा कराई गई। प्रशिक्षण का शुभारंभ करते हुए खण्ड शिक्षा अधिकारी मड़ावरा रामगोपाल वर्मा ने कहा कि शासन की मंशानुरूप सभी शिक्षक प्रशिक्षण लेकर उसको ठीक से अपने विद्यालयों में प्रयोग करें। विद्यालयों में शैक्षिक वातावरण में सुधार लाने की दिशा में यह बहुत ही महत्वपूर्ण प्रशिक्षण है। 
स्कूल रेडनेस प्रशिक्षण में सन्दर्भदाता कैलाश चन्द्र जोशी, आशा देवी, बालेन्द्र सिंह, रविन्द्र कुमार द्वारा शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया। सन्दर्भदाता
कैलाशचन्द्र जोशी ने कहा कि यह प्रशिक्षण 50 विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों/ इंचार्ज प्रधानाध्यापकों/ अध्यापकों/ प्रधानाध्यापकों द्वारा नामित अध्यापकों को दिया जा रहा है। 
प्रशिक्षण में संदर्भ दाता आशा देवी ने सभी अध्यापकों का परिचय प्राप्त किया। इसके बाद प्रशिक्षकों के द्वारा सर्वप्रथम स्कूल रेडनेस कार्यक्रम से अवगत कराते हुए यह जाना गया कि सभी बचपन मे विद्यालय कब गए व विद्यालय जाने के समय उनका अनुभव कैसा था। सभी शिक्षकों द्वारा बारी-बारी से अपने विचार साझा किये गये। जिससे स्पष्ट हुआ कि हमें विद्यालय में किस प्रकार के वातावरण को बनाना है। जिससे बच्चे में सीखने की उत्सुकता के साथ बिना डर, बिना मारपीट के साथ आनंदमय वातावरण तैयार कर बच्चों में स्वास्थ्य, भाषायी व गणितीय कौशल का विकास किया जा सकेगा। प्रशिक्षण में कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य क्या है को जाना गया जिससे कि उसकी मूल अवधारणा को सार्थक मूर्त रूप में विद्यालयों में प्रदर्शित कर सकें। विद्यालयों की कक्षा 1 व कक्षा 2 के विद्यार्थियों के साथ-साथ यह आंगनबाड़ी में नामांकित बच्चों यानी 3 वर्ष से 8 वर्ष के बच्चों के लिये जोड़ने का कार्यक्रम होगा। जैसा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में यह स्पष्ट कर दिया गया है कि अब प्री प्राइमरी व प्राइमरी दो स्तरों पर विद्यार्थियों के भविष्य को सवांरने के लिये आयोग के द्वारा का कार्य जोरों पर है इसी के चलते आंगनबाड़ी व प्राथमिक कक्षाओं को पढ़ाने वाले मुख्यतः कक्षा 1 व 2 को पढ़ाने वाले अध्यापकों को तैयार किया जा रहा है। 
इसलिए स्कूल रेडिनेस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिये शुरुआती समय मे बच्चों को कैसा माहौल प्रदान करना है व क्या-क्या सावधानियां बरतनी हैं एवं विद्यालय में पढ़ाई / अध्ययन को कितने प्रकार से रोचक बना सकते हैं के बारे में प्रशिक्षक कैलाशचन्द जोशी एवं बालेन्द्र सिंह द्वारा बताया गया।  
इसके बाद जेण्डर इक्वालिटी को ध्यान में रखते हुए बच्चों को शिक्षा किस प्रकार समानता के साथ प्रदान की जा सकती है के बारे में बताया गया। इसके साथ-साथ विद्यालय में अध्ययनरत विशिष्ट छात्र / छात्राओं / दिव्यांग छात्र-छात्राओं के शिक्षा का माहौल किस प्रकार से अच्छा प्रदान कर सकते हैं जिससे उन्हें अच्छा लगने के साथ -साथ सम्मान के साथ प्रतिदिन विद्यालय में अध्ययन सभी गतिविधियों में कर सकें। 

प्रशिक्षण में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मुख्य लक्ष्यों- स्वास्थ्य व कुशलता को बढ़ावा देना, प्रारम्भिक भाषा हेतु गतिविधियों को बढ़ावा देना, प्रारंभिक संख्यात्मक कौशल व ज्ञान को बढ़ावा देना आदि विषय पर विस्तृत चर्चा की गई। इसके पश्चात प्रशिक्षण में कक्षाओं में बेहतर वातावरण बनाने हेतु विभिन्न प्रकार के खेल व कौशलयुक्त गतिविधियों के बारे बताया। कुछ गतिविधियां निन्म हैं- बिल्ली-छोटे मामा-बड़े मामा, एक पेड़ की डाल पर, एक कौवा बैठा था, वारिश ताली, स्काउट ताली, वन टू थ्री, गुड़, गुड़, वेरिगुड, चकई की चकदम, अम्मा आज लगा दे झूला आदि। गतिविधियों के साथ ही यह विषय चर्चा का मुख्य रहा कि क्या विद्यालय बच्चों के लिये तैयार है, क्या बच्चे विद्यालय के लिये तैयार हैं, क्या अभिभावक बच्चों को विद्यालय भेजने के लिये तैयार हैं। प्रशिक्षण में बताया गया कि जो दिव्यांग छात्र हैं विशिष्ट आवश्यकता वाले बच्चे वो अपनी कक्षाओं न अपने स्कूल कहीं पर भी उपेक्षित न हों।

रामजी तिवारी मडावरा
जिला ब्यूरो क्राइम खुलासा न्यूज़ ललितपुर
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