लंबी जहोजद के उपरांत संचालित हो सका नलकूप
उत्तर प्रदेश में किसान और महिलाएं राम भरोसे-पुनीत मिश्रा

हरदोई_ भारतीय किसान मजदूर यूनियन दशहरी किसान संगठन के जिला अध्यक्ष पुनीत मिश्रा ने कहा कि प्रदेश सरकार ने  महिलाओं और किसानों को राम भरोसे छोड़ दिया है। जहां किसान बिल से किसानों को गुलाम बनाने का काम किया जा रहा था। तो वहीं प्रदेश में महिला अपराध तेजी से बढ़ रहे है। बदमाश महिलाओं को जब चाहते हैं निशाना बना लेते हैं। जिसके चलते महिलाओं को इज्जत और जान बचाना मुश्किल पड़ रहा है। कोराना महामारी से पूरा देश जूझ चुका है। इस संकट से जहां हर वर्ग प्रभावित हुआ़, वही इसी कड़ी में हमारा अन्नदाता किसान भी आता है। इन्होंने कहा कि हम चाहे कोई भी काम क्यों ना करते हो, मगर किसान और खेती से वास्ता हम सभी का पड़ता ही है। कोराना काल में जहां सभी धंधे चौपट हो गये थे, उस वक्त अन्नदाता ही हर आम और खास के साथ खड़ा दिखा। अगर किसान भी अपना मुँह मोड़ लेता तो इतनी मौत कोराना महामारी से नहीं हुई, जितनी भूख से होती। इसके बावजूद किसान के हितों की अनदेखी की जाती रही है। हमारे किसानों को सरकार की योजनाओं से धरातल पर कोई लाभ नहीं मिलता नेता अधिकारी ही हजम कर लेते हैं जिसके कारण किसान सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने पर मजबूर है। कोथावां के पिपरी गांव में 14 वर्ष पूर्व में निर्माण हुऐ नलकूप को सिंचाई के लिए सरकार के नुमाइंदों ने संचालित नहीं करा पाया जिससे वहां के किसानों ने अपनी जमीनों को परती पड़ा रखने का फैसला कर लिया था। जिसे संचालित कराने के लिए हर जिम्मेदार अधिकारी से गुहार लगाई गई सभी ने अनसुना कर दिया जिसके पश्चात बेनीगंज के विद्युत पावर हाउस में धरना प्रदर्शन करते हुए इस मांग को उठाया गया तब जाकर किसी तरह नलकूप को संचालित कराया गया। सरकारी तंत्र यह मानने को तैयार नहीं कि खेती से हम सभी का जीवन जुड़ा है। डॉक्टर, इंजीनियर, नेता, वकील, पुलिस इत्यादि की तो हमें अपने जीवन में कभी-कभी ही जरूरत पड़ती है। लेकिन किसान और खेती की हमें हर पल जरूरत पड़ती है। चाय, कॉफी, बिस्किट, दूध, शक्कर, मैदा, आटा, चावल, दाल, फल, सब्जी इत्यादि हमें हर रोज चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस तरह से आज किसान परेशान है उसी तरह से लगातार महिलाएं शोषण का शिकार हो रही हैं। महिला संबंधी अपराध प्रदेश में तेजी से बढ़े हैं। सरकार को जुमलेबाजी से फुर्सत नहीं है। अधिकारियों को फाइलों से, अब किस तरह से गरीब मजबूर किसानों का उद्धार हो सकेगा।
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