सेवा में,
1. माननीय प्रधानमंत्री,
भारत सरकार, नई दिल्ली
2. माननीय गृह मंत्री
भारत सरकार, नई दिल्ली
द्वारा
*विषय : राजनैतिक षड्यंत्र के चलते 13 मार्च से दीमापुर जेल में बंद वोटर्स पार्टी इंटरनेशनल के नीतिनिर्देशक एवं मुखिया माननीय विश्वात्मा भरत गांधी की सुरक्षा, उनकी रिहाई और अन्य मांगों के संबंध में ज्ञापन*
महोदय,
*माननीय विश्वात्मा भरत गांधी पिछले 20 वर्षों से देश में राजनीतिक सुधार के लिए कार्य कर रहे हैं। उन्होने देश की जीडीपी में प्राकृतिक संसाधनों का हिस्सा, मशीनों द्वारा किए गए उत्पादन का हिस्सा तथा सरकारी मशीनरी के कारण हुए उत्पादन के हिस्से का आकलन करने तथा उस धन को लोकतन्त्र के निर्माता होने के नाते सभी वोटरों में बांटने के लिए 'वोटरशिप अधिकार' के प्रस्ताव को 137 सांसदों के माध्यम से संसद में प्रस्तुत किया था, जिसका 400 सांसदों ने समर्थन किया था। इस पर बहस के लिए 6 मई 2008 का दिन निश्चित था, लेकिन सत्रावसान करके बहस रोक दी गयी। फिर वोटरशिप प्रस्ताव की व्यावहारिकता की जांच के लिए उसको संसद की 11 सदस्यीय जांच समिति (दीपक गोयल कमेटी) को भेजा गया। इस समिति ने संविधान विशेषज्ञ श्री सुभाष कश्यप तथा विख्यात अर्थशास्त्री श्री भरतझुनझुनवाला की राय लेने के बाद 2 दिसंबर 2011 को उस प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया था।* तभी से विश्वात्मा भरत गांधी जी के विरुद्ध खरबपतियों और राजनेताओं के षड्यंत्र प्रारम्भ हो गए। संसद के 400 से अधिक सांसदों, भरत झुनझुनवाला जैसे देश के गण्यमान्य अर्थशास्त्री तथा सुभाष कश्यप जैसे सविधान विशेषज्ञों के समर्थन तथा 'दीपक गोयल कमेटी' द्वारा अनुमोदन किए जाने के बाद भी 'वोटरशिप अधिकार' के प्रस्ताव पर बहस नहीं होने दी गयी। जनता के बीच जाने पर श्री विश्वात्मा पर कई बार उत्तर प्रदेश तथा असम में राजनैतिक षडयंत्रों द्वारा प्रेरित जानलेवा हमले हुए। उनके समर्थकों का कई बार अपहरण किया तथा जान से मारने की धमकियाँ दी गईं। इसके बावजूद श्री विश्वात्मा लगन से वोटरशिप और राजनीतिक सुधारों को लेकर जनता में जाते रहे। उनके नेतृत्व में वोटर्स पार्टी इंटरनेशनल के कार्यकर्ता तथा सदस्य देश भर में राजनैतिक सुधार के लिए प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन करते हैं। इन शिविरों के माध्यम से लगभग 1 लाख से अधिक लोगों को प्रशिक्षित किया जा चुका है, जिससे देश में गरीबी, बेरोजगारी, आतंकवाद, भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार दोषी राजव्यवस्था में सकारात्मक परिवर्तन और वोटरशिप कानून बनवाने के लिए आंदोलनों की एक शृंखला शुरू हो चुकी है। लेकिन इसके साथ ही श्री विश्वात्मा के विरुद्ध राजनीतिक षड्यंत्र भी बढ़ते जा रहे हैं। *उत्तर प्रदेश में उन पर हुए हमलों के बाद कई बार प्रशासन से उनकी सुरक्षा के लिए आवेदन करने के बाद भी उनको सुरक्षा नहीं दी गयी। असम प्रदेश में उन पर हुए हमले के बाद उनको सरकारी सुरक्षा दी गयी थी, जो 2019 में अचानक हटा ली गयी।*
नागालैंड प्रदेश में तो षडयंत्रों की सारी सीमाएं ही पार कर दी गईं। *13 मार्च को एक प्रशिक्षण शिविर के दौरान श्री विश्वात्मा को अचानक गिरफ्तार कर लिया गया। उन्हें नियमों के विरुद्ध 10 दिन तक पुलिस हिरासत में रखा गया और 23 मार्च को बिना किसी आरोप के जेल भेज दिया गया।*
बार बार अनुरोध करने के बाद भी पुलिस ने श्री विश्वात्मा को गिरफ्तार करने का कोई कारण नहीं बताया, बल्कि विश्वात्मा जो कि देश सेवा की भावना में आकर के सिविल सेवा परीक्षा पास करने के बावजूद भी छोड़ दिया, , *आज तक अविवाहित है, स्वयं कोई अपना घर, अपनी प्रॉपर्टी नहीं बनाया और ना ही अपने नाम से कोई बैंक का खाता खोला* ऐसे संत पर नागालैंड पुलिस ने जनता से रुपये ठगने का आरोप लगाया ।
उनकी गिरफ्तारी के संबंध में आवश्यक कार्यवाही करने के लिए पार्टी के दो कार्यकर्ता श्री शिवाकान्त गोरखपुरी और श्री नवीन कुमार केन्द्रीय समिति द्वारा नागालैंड भेजे गए। वे कार्यकर्ता 15 मार्च को दीमापुर पहुँच गए। लेकिन 25 मार्च को देशव्यापी लॉकडाउन के कारण वहीं पर फंस गए। उन दोनों के प्रयासों से श्री विश्वात्मा की जमानत उच्च न्यायालय द्वारा स्वीकृत कर ली गयी।
परंतु श्री विश्वात्मा के विरुद्ध चल रहे षडयंत्रों का यहीं अंत नहीं हुआ। शिवाकान्त और नवीन का 19 मई को अचानक उस होटल से अपहरण कर लिया गया, जहां पर वे लोग ठहरे हुए थे। *होटल के मैनेजर ने पूर्वी दीमापुर थाने में प्राथमिकी भी दर्ज कराई है (प्राथमिकी संख्या 0120/20 भा.दं.सं.)।* दोनों पार्टी कार्यकर्ताओं के अपहरण के साथ ही विश्वात्मा भरत गांधी के जीवन को दीमापुर, नागालैंड में खतरा पैदा हो गया है।
इसीलिए प्रस्तुत ज्ञापन के माध्यम से वोटर्स पार्टी इंटरनेशनल के कार्यकर्ता मांग करते हैं कि-
1. नागालैंड पुलिस द्वारा बिना किसी आरोप के श्री विश्वात्मा की गिरफ्तारी और उनको 2 महीने से अधिक जेल में रखने के पीछे के षड्यंत्र की जांच के लिए उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया।
2. श्री विश्वात्मा की शीघ्र रिहाई सुनिश्चित की जाए तथा उनको उचित सुरक्षा के साथ नागालैंड से निकाल कर उनके निवास स्थान तक पहुंचाया जाए।
3. नागालैंड में 19 मई को हुए दो पार्टी कार्यकर्ताओं के अपहरण की भी उच्च स्तरीय जांच समिति द्वारा जांच की जाए।
4. 2012 में उत्तर प्रदेश में कन्नौज लोकसभा सीट पर हुए उपचुनावों के दौरान पार्टी के प्रत्याशी और 2 कार्यकर्ताओं का निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय से नामांकन के दौरान अपहरण कर लिया गया था। यह अपहरण कन्नौज सीट पर एक पार्टी के उम्मीदवार को निर्विरोध जितवाने के उद्देश्य से किया गया था, जिसमें तत्कालीन सरकार के मुखिया का हाथ था। श्री विश्वात्मा ने 6 साल यह केस लड़ा। इस कारण उन पर कई बार जानलेवा हमले हुए। अंत में राजनीतिक दबाव में आकर जांच एजेंसी सीबीसीआईडी ने साक्ष्यों के अभाव में केस की फ़ाइल बंद कर दी। कन्नौज अपहरण कांड के अपराधी अभी भी सुरक्षित हैं और श्री विश्वात्मा राजनीतिक षडयंत्रों के शिकार बना दिये गए हैं। अतः कन्नौज अपहरण कांड की केंद्रीय जांच समिति से जांच कराई जाए तथा श्री विश्वात्मा को उचित सुरक्षा प्रदान की जाए।
5. श्री विश्वात्मा के विरुद्ध लगातार हो रहे राजनीतिक हमलों को देखते हुए उनकी सुरक्षा व्यवस्था की पुनर्विवेचना की जाए, तथा उनको केन्द्रीय सुरक्षा एजेंसी द्वारा सुरक्षा प्रदान की जाए।
6. असम में बाढ़ की स्थिति को लेकर वोटर्स पार्टी इंटरनेशनल पिछले 3 सालों से बाढ़ की स्थिति को लेकर लगातार आंदोलन कर रही है। असम में अप्रैल से सितंबर माह तक बाढ़ आती है तथा वहाँ के निवासियों को हर साल निर्वासन झेलना पड़ता है। अतः असम के बाढ़ प्रभावित हिस्सों में सबसे पहले वोटरशिप के माध्यम से हर महीने एक निश्चित रकम वहाँ के निवासियों को दी जाए, जिससे कि वे आपदा के समय अपने परिवार आजीविका चला सकें और आपदा से उबर सकें।
7. सन 2011 से 137 सांसदों द्वारा प्रस्तुत संसद में लंबित वोटरशिप प्रस्ताव पर तुरंत बहस कराएं और वोटरशिप प्रस्ताव पर शीघ्रतिशीघ्र कानून बनाकर हर वोटर को एक निश्चित रकम हर माह उनके खाते में भेजनी सुनिश्चित की जाए, जिससे कोरोना महामारी के इस संकटकाल में पीड़ित परिवारों को आजीविका के लिए संबल मिल सके।
धन्यवाद
भवदीय
धर्मेंद्र गुप्ता
लखनऊ मंडल प्रभारी
वोटर्स पार्टी इंटरनेशनल
( VPI PARTY )
6392773533,
8423447639
7499150446
