लोगों को शहर छोड़कर जाने में सबसे बड़ा कारण है उनको सुविधा ना मिलना आप स्वयं देखें 22 मार्च 2020 को बंद का आह्वान किया गया यह तो कहां गया गवर्नमेंट ने कितने करोड रुपए पास किए लेकिन जो रोजाना दिहाड़ी वाला मजदूर है जो सुबह को काम पर जाता है शाम को 2:00 केजी आटा लेकर अपने भोजन की व्यवस्था करता है अगर उसको खाने को नहीं मिलेगा गवर्नमेंट की तरफ से केबल कहां गया लेबर क्लास के पास पहले दिन से ही खाना पहुंच जाना चाहिए था ऐसा कुछ नहीं हुआ बोलोग मजबूर होकर  पलायन पर उतारू हो गए  वाहन न मिलने पर उन्होंने इतनी हिम्मत जुटा डाली पैदल निकलने के लिए मजबूर हो गए इतनी भी परवाह नहीं की कुछ लोग 400 से 500 600 किलोमीटर फैमिली को लेकर पैदल चलने को मजबूर हो गए बीजेपी के पदाधिकारियों को सोचना चाहिए था उन्होंने नहीं सोचा
खास रिपोर्ट:-बिपिन अग्रवाल गाजियाबाद
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